यह एक उच्च गुणवत्ता वाला तरल उर्वरक (Liquid Fertilizer) है, जिसमें नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), और पोटैशियम (K) समान अनुपात (25:25:25) में होते हैं। यह पौधों की समग्र वृद्धि, जड़ों की मजबूती, हरे पत्तों की वृद्धि, फूलों और फलों के विकास में सहायक होता है। यह जल्दी घुलने वाला और शीघ्र असर दिखाने वाला खाद है, जिसे पत्तों पर छिड़काव (Foliar Spray) या मिट्टी के माध्यम से दिया जा सकता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे: 2-4 मिली प्रति लीटर पानी।ड्रिप सिंचाई: 1-2 लीटर प्रति एकड़।मिट्टी में: 2-3 किग्रा प्रति एकड़।सिंचाई के पानी में।पौधों की बढ़वार, उपज और गुणवत्ता सुधारने के लिए।
सभी फसलें, सब्जियाँ, फलदार वृक्ष और फूलों के लिए उपयुक्त।
एक संतुलित तरल उर्वरक है, जिसमें नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटैशियम (K) का अनुपात 12:32:16 होता है। यह फसलों की वृद्धि, जड़ों के विकास और फूल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव): 1-2 मिली प्रति लीटर पानी।ड्रिप इरिगेशन: 1-फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि करता है।2 लीटर प्रति एकड़।मिट्टी में उपयोग: 2-3 लीटर प्रति एकड़।पौधों की जड़ें मजबूत करता है और फूल-फल बनने की क्षमता को बढ़ाता है।मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता हैसभी प्रकार की फसलों (धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, सब्जियां, दलहन, तिलहन) में उपयोगी।
एक उन्नत द्रव उर्वरक है, जिसमें 18% नाइट्रोजन (N) और 46% फॉस्फोरस (P₂O₅) होता है। यह पौधों की जड़ वृद्धि, तना मजबूती, और उपज बढ़ाने में मदद करता है। यह जल्दी घुलने वाला और फसल द्वारा आसानी से अवशोषित होने वाला उत्पाद है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
स्प्रे: 2-3 मिली/लीटर पानी ड्रिप सिंचाई: 500-700 मिली/एकड़मिट्टी में: 2-3 लीटर/एकड़ उपज बढ़ाने के लिए अनुशंसित फसलें🌾 गेहूं, धान, मक्का, गन्ना, दलहन, तिलहन
🥦 सब्जियां: टमाटर, मिर्च, बैंगन
🍌 फल: आम, केला, संतरा
के समय: जड़ विकास के लिए मध्य अवस्था: स्वस्थ वृद्धि के लिए फूल और फल बनने पर
TOHFA एक उन्नत जैविक उत्पाद है, जिसमें 70% सुपर फॉस्फोरिक एसिड (Super Phosphoric Acid) मौजूद होता है। यह मिट्टी में फॉस्फोरस की पूर्ति कर फसलों के जड़ विकास, पुष्पन, और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बुआई/रोपाई के समय: 2-3 लीटर प्रति एकड़ बढ़वार अव स्था में: 3-4 लीटर प्रति एकड़ फूल और फल बनने पर: 4-5 लीटर प्रति एकड़ फोलियर स्प्रे: 1-2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानीयह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पौधों की जड़ों के विकास, फसल की बढ़वार, उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है।TOHFA का उपयोग गेहूं, धान, मक्का, गन्ना, दलहन, तिलहन, सब्जियां (टमाटर, बैंगन, मिर्च) और फलदार फसलों (आम, अंगूर, केला) में किया जा सकता है।
TUHUM MAGSIL एक उर्वरक उत्पाद है जिसमें मैग्नीशियम (12%), सिलिकॉन (16% सस्पेंशन), और ह्यूमिक एसिड (12%) शामिल हैं। ये तत्व पौधों के विकास और उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव): 2-3 मिलीलीटर TUHUM MAGSIL को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह छिड़काव फूल आने और फल बनने की अवस्था में करना अधिक प्रभावी होता है।
ड्रिप सिंचाई: 500 मिलीलीटर TUHUM MAGSIL को प्रति एकड़ के हिसाब से ड्रिप सिस्टम के माध्यम से लागू करें
TUHUM BOR एक बोरॉन एथेनॉल अमाइन (10%) लिक्विड माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जो पौधों में बोरॉन की कमी को पूरा कर फूलों और फलों की गुणवत्ता बढ़ाता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे: 1-2 मिली/लीटर पानी (फूल आने से पहले) ड्रिप सिंचाई: 500-1000 मिली/एकड़ मिट्टी में: 1-2 लीटर/एकड़ फूलों और फलों की संख्या व गुणवत्ता बढ़ाता है फलों की दरार (Fruit Cracking) को रोकता है उपयुक्त फसलें: गेहूं, धान, मक्का, सरसों, सोयाबीन
टमाटर, मिर्च, आलू, बैंगन
आम, अंगूर, सेब
यह एक तरल उर्वरक है जो पौधों की वृद्धि, फूलों की संख्या, गुणवत्ता और फलन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसमें आवश्यक पोषक तत्व और सूक्ष्म तत्व होते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
स्प्रे: 1 लीटर पानी में 1ml मिलाकर पत्तियों पर छिड़कें।ड्रिप सिंचाई: 1 लीटर पानी में 1ml मिलाकर महीने में 2-4 बार प्रयोग करें।पौधों की वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता है।उपयुक्त फसलें:सब्जियां, फल (आम, अनार, केला, पपीता), धान, गन्ना, कपास, मसाले, फूल इत्यादि।
एक विशेष प्रकार का जैविक उत्पाद है, जो पौधों की वृद्धि और फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह पौधों के प्राकृतिक हार्मोन को सक्रिय करता है और फूलों के गिरने को रोकता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे: 1-2 मिली प्रति लीटर पानी (15पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। अन्य फसलें: गेहूं, धान, कपास, गन्ना, मूंगफली आदि के अंत रफसल की उपज और उत्पादन क्षमता बढ़ाता है। ड्रेंचिंग: 3-5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर जड़ क्षेत्र में दें फूलों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाता है।पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है सब्जियां: टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी, भिंडी आदि।फलदार फसलें: आम, केला, अंगूर, सेब, संतरा आदि।फूलों की खेती: गुलाब, गेंदा, चमेली आदि।
NPK 19:19:19 एक संतुलित जल में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer) है, जिसमें नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटाश (K) प्रत्येक 19% मात्रा में मौजूद होते हैं। यह फसल के संपूर्ण विकास के लिए उपयुक्त होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे: 5 ग्राम/लीटर पानी ड्रिप सिंचाई: 1 किग्रा/एकड़ मिट्टी में मिलाना: 10 किग्रा/एकड़ फसलों की जल्दी असर दिखाने वाला संतुलित उर्वरक। जड़, तना, पत्तियां और फूलों मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता है। फूल और फल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 100% जल में घुलनशील।फसल के सभी बढ़वार चरणों में उपयोगी।
उपयुक्त फसलें धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, दलहन, तिलहन, कपास, सब्जियां (टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, फूलगोभी), बागवानी फसलें (सेब, अंगूर, केला, संतरा, आम) आदि
NPK 13:00:45 एक उच्च गुणवत्ता वाला पानी में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer) है, जिसमें निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:इस उर्वरक में फास्फोरस नहीं होता है और पोटाश की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह फसल के फूल और फल बनने की अवस्था में बहुत उपयोगी होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव): 5-10 ग्राम प्रति लीटर पानी। ड्रिप इरिगेशन: 2-5 किलोग्राम प्रति एकड़ (फसल के अनुसार)।मिट्टी में उपयोग: 10-20 किलोग्राम प्रति एकड़।फूल और फल बनने की प्रक्रिया तेज होती है।फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है।सभी प्रकार की फसलों (धान, गेहूं, सब्जियां, फलदार पेड़ आदि) में उपयोग किया जा सकता हैयह विशेष रूप से फूल और फल बनने के समय उपयोगी होता है।
NPK 13:00:45 एक उच्च गुणवत्ता वाला पानी में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer) है, जिसमें निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं नाइट्रोजन (N) – 13% फास्फोरस (P) – 0%पोटाश (K) – 45%
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव) – 5 से 10 ग्राम प्रति लीटर पानी ड्रिप इरिगेशन (टपक सिंचाई) – 3 से 5 किलो प्रति एकड़ मिट्टी के माध्यम से – 5 से 8 किलो प्रति एकड़ फूल और फल बनने के दौरान पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।फलों की गुणवत्ता, रंग और आकार में सुधार करता है।फसल की बीमारी और कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
उपयुक्त फसलें फल वाली फसलें – केला, आम, अंगूर, अनार, सेब, पपीता, संतरा आदि सब्जियां – टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, बैंगन, खीरा आदि। अन्य फसलें – कपास, गन्ना, चाय, कॉफी, आलू आदि।
NPK 12:61:00 एक उच्च गुणवत्ता वाला पानी में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer) है, जिसमें निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:इस उर्वरक में फास्फोरस नहीं होता है और पोटाश की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह फसल के फूल और फल बनने की अवस्था में बहुत उपयोगी होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव): 5-10 ग्राम प्रति लीटर पानी। ड्रिप इरिगेशन: 2-5 किलोग्राम प्रति एकड़ (फसल के अनुसार)।मिट्टी में उपयोग: 10-20 किलोग्राम प्रति एकड़।फूल और फल बनने की प्रक्रिया तेज होती है।फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है।सभी प्रकार की फसलों (धान, गेहूं, सब्जियां, फलदार पेड़ आदि) में उपयोग किया जा सकता हैयह विशेष रूप से फूल और फल बनने के समय उपयोगी होता है।
NPK 00:52:34 एक जल में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer) है, जिसमें 0% नाइट्रोजन (N), 52% फॉस्फोरस (P₂O₅), और 34% पोटैशियम (K₂O) होता है। इसे मोनो पोटेशियम फॉस्फेट (MKP) भी कहा जाता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
ड्रिप इरिगेशन3-5 किग्रा प्रति एकड़ (फसल के अनुसार मात्रा समायोजित करें) फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव)1-2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।फूल और फल बनने की अवस्था में 15-20 दिनों के अंतराल पर 2-3 बार स्प्रे करें।यह उर्वरक मुख्य रूप से फॉस्फोरस और पोटैशियम की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जाता है।फसल की बढ़वार, फूल और फल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है।अनाज की फसलें: गेहूं, धान, मक्का आदिफलदार फसलें: अंगूर, केला, अनार, सेब, आम, नींबू आदि।
NPK 00:00:50 पोटैशियम सल्फेट (SOP – Sulphate of Potash) आधारित उर्वरक है। इसमें 50% पोटाश (K₂O) और 17.5% सल्फर (S) होता है। यह क्लोराइड मुक्त उर्वरक है, जो क्लोराइड-संवेदनशील फसलों के लिए उपयुक्त होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
मिट्टी में डालना: बुवाई से पहले या टॉप ड्रेसिंग के रूप में।ड्रिप सिंचाई: 5-10 किग्रा/एकड़ प्रति सिंचाई (फसल की जरूरत के अनुसार)।फोलियर स्प्रे: 1-1.5% घोल (1-1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी) बनाकर छिड़काव करें।पौधों की जड़ और तना मजबूत करता है।फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता और सूखा सहनशीलता बढ़ाता है।फसल के पकने की प्रक्रिया को तेज करता है और उत्पादन बढ़ाता है।अनाज, फल और सब्जियों में स्टार्च व शर्करा की मात्रा बढ़ाता है।
NPK 20:20:20 एक संतुलित जल में घुलनशील उर्वरक है, जिसमें नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), और पोटाश (K) समान अनुपात (20% – 20% – 20%) में होते हैं। यह पौधों की समग्र वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक प्रभावी है
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे: 5-10 ग्राम/लीटर पानी (10-15 दिन के अंतराल पर) ड्रिप सिंचाई: 2-5 किग्रा/एकड़ मिट्टी में उपयोग: 5-10 किग्रा/एकड़ जड़ों और पत्तों को मजबूत बनाता है फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि सूक्ष्म पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति अनाज फसलें: गेहूं, धान, मक्का, जौ सब्जियां: टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी, पालक फलों के पेड़: आम, केला, अंगूर, संतरा फूलों की फसलें: गुलाब, गेंदा, जैविक फूल दलहन और तिलहन: मूंगफली, सरसों, चना, सोयाबीन
ऑर्गेनिक फेरस सल्फेट एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrient) है, जो पौधों के लिए आयरन (Fe) की आपूर्ति करता है। यह पौधों में क्लोरोफिल के निर्माण में सहायता करता है और हरी पत्तियों को स्वस्थ बनाए रखता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):1-2 ग्राम फेरस सल्फेट को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।फसल की अवस्था और जरूरत के अनुसार 2-3 बार छिड़काव करें। मिट्टी में डालना:5-10 किलोग्राम फेरस सल्फेट प्रति एकड़ मिट्टी में मिलाएं।
पौधों में पीली पत्तियों की समस्या (Iron Chlorosis) को खत्म करता है।500 ग्राम से 1 किलो प्रति एकड़ ड्रिप सिस्टम से दें।यह फसल में आयरन की कमी (Iron Deficiency) को दूर करता है। गेहूं, धान, मक्का, गन्ना, सोयाबीन, मूंगफली, कपास टमाटर, मिर्च, बैंगन, प्याज, आलू सेब, अंगूर, केला, अनार, आम, संतरा
ऑर्गेनिक मैग्नीशियम सल्फेट (ES) एक प्राकृतिक रूप से प्राप्त खनिज है, जिसमें मैग्नीशियम (Mg) और सल्फर (S) होते हैं। यह पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और उनकी वृद्धि को बढ़ावा देता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):मात्रा: 1-2 ग्राम प्रति लीटर पानी समय: फसल की जरूरत के अनुसार 2-3 बार ड्रिप इरिगेशन / मिट्टी में उपयोग:मात्रा: 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ समय: फसल की वृद्धि के विभिन्न चरणों में फलों और सब्जियों की गुणवत्ता सुधारता है: अधिक वजन और चमकदार रंग प्रदान करता है।मिट्टी की उर्वरता में सुधार: सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों को बढ़ावा देता है।सल्फर प्रदान करता है: जो प्रोटीन संश्लेषण और एंजाइम गतिविधि में सहायक होता है।फसलें: धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा दलहन: मूंग, उड़द, अरहर, चना तिलहन: सरसों, मूंगफली, सोयाबीन
TOREX एक उच्च गुणवत्ता वाला जैव-उत्प्रेरक (Bio-Stimulant) है, जो पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है। इसमें Humic Acid (98%), Fulvic Acid (0.5%), और Ortho Salicylic Acid (1.5%) मौजूद होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):डोज़: 1-2 मिली प्रति लीटर पानी समय: फसल की वृद्धि अवस्था (Vegetative Stage) और फूल बनने की अवस्था (Flowering Stage) पर छिड़काव करें।ड्रेंचिंग (मिट्टी में देना):डोज़: 500 मिली प्रति एकड़ (पानी के साथ) समय: बुवाई के समय या रोपाई के बाद।फर्टिगेशन (सिंचाई के साथ प्रयोग):डोज़: 1 लीटर प्रति एकड़
Josh एक उन्नत जैविक उर्वरक है, जिसमें 6% अमिनो एसिड, 65% ह्युमिक एसिड और 6% फुल्विक एसिड मौजूद होते हैं। यह पौधों की वृद्धि को बढ़ाने, मिट्टी की उर्वरता सुधारने और पोषक तत्वों को प्रभावी रूप से अवशोषित करने में सहायता करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव): डोज़: 2-3 ग्राम प्रति लीटर पानी ड्रिप इरिगेशन / मृदा अनुप्रयोग (मिट्टी में डालना):डोज़: 1-2 किग्रा प्रति एकड़ अनाज फसलें (गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार आदि) – मजबूत जड़ें और अधिक उपज दलहन फसलें (चना, मसूर, मूंग, उड़द, अरहर आदि) – पोषण अवशोषण में सुधार
AnionicSticker + pH Balancer ES एक कृषि उत्पाद है जो पानी के pH को संतुलित करने और स्प्रे घोल की प्रभावशीलता बढ़ाने में मदद करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
खुराक: pH 7-8: 0.5 मिली/लीटर पानी pH 8+: 0.75 सभी फसलें, बागवानी फसलें, फूल, और दालें।pH संतुलन: स्प्रे घोल का pH 6-7 के बीच लाता है, जिससे कीटनाशकों और फफूंदनाशकों की प्रभावशीलता बढ़ती है पानी का pH जांचें और सही मात्रा में उत्पाद मिलाएं।अच्छे से मिलाकर आवश्यक कीटनाशक या फफूंदनाशक मिलाएं।स्प्रेडर & पेनेट्रेटर: सिलिकॉन आधारित फार्मूला स्प्रे को पौधों पर बेहतर फैलने और अवशोषित होने में मदद करता है।
Diatomite Silicon Granule ES एक प्राकृतिक रूप से प्राप्त सिलिका आधारित उत्पाद है, जो फसलों के स्वस्थ विकास और उच्च उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें उपस्थित सिलिकॉन पौधों की जड़ों और तनों को मजबूत बनाने, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने और कीट व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज़: 5-10 किलोग्राम प्रति एकड़। बेसल डोज़: इसे बुवाई से पहले मिट्टी में मिलाएं। शीर्ष ड्रेसिंग: फसल के विकास के दौरान इसे मिट्टी में मिलाया जा सकता है। ड्रिप और स्प्रे: घोल बनाकर ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से भी दिया जा सकता है।फल और फूलों की गुणवत्ता व उत्पादन में सुधार करता है।धान और गेहूं: पैदावार बढ़ाने और पौधों को मजबूत बनाने में सहायक सब्जियां: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और गुणवत्ता सुधारता है।
Mix Micro Nutrients EDTA Powder ES एक उच्च गुणवत्ता वाला सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण है, जो फसलों की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें लौह (Fe), जस्ता (Zn), तांबा (Cu), मैंगनीज (Mn), बोरोन (B) और मोलिब्डेनम (Mo) EDTA रूप में होते हैं, जिससे पौधों द्वारा इनका अवशोषण आसानी से किया जा सकता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास, सोयाबीन, टमाटर, मिर्च, बैंगन, आलू, प्याज, लहसुन, फलदार फसलें (सेब, अंगूर, केला, अनार), गन्ना और फूलों की फसलों में 0.5-2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फसल की वृद्धि अवस्था के अनुसार 2-3 बार छिड़काव करें छिड़काव सुबह या शाम के समय करें, जब तेज धूप न हो।सुरक्षात्मक दस्ताने और मास्क का उपयोग करें।
Tuhumvit एक उच्च गुणवत्ता वाला माइक्रोन्यूट्रिएंट मिश्रण है, जिसमें Amino Chelated 12% के साथ अन्य आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल होते हैं। यह पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है, उपज में सुधार करता है और पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव) 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 15 से 20 दिनों के अंतराल पर दोहराएं।ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) या ड्रेंचिंग 500 ग्राम से 1 किलो प्रति एकड़ पानी में घोलकर दें। अनाज वाली फसलें – गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा सब्जियां – टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, फूलगोभी, पत्तागोभी फलदार फसलें – आम, अंगूर, केला, संतरा, पपीता नकदी फसलें – कपास, गन्ना, तंबाकू
जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट (ZnSO₄·7H₂O) एक जल में घुलनशील उर्वरक है, जो पौधों के लिए आवश्यक जिंक (Zn) तत्व प्रदान करता है। यह विशेष रूप से जिंक की कमी से ग्रस्त फसलों के लिए उपयोगी है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):0.5% से 1% घोल (500-1000 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी)फसल की वृद्धि अवस्था के दौरान 2-3 बार छिड़काव करें। मिट्टी में डालने के लिए:10-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर फसल की आवश्यकता के अनुसार मात्रा समायोजित करें।जिंक की कमी को दूर करता है, जिससे पत्तियां हरी और स्वस्थ रहती हैं।फसल की वृद्धि और उत्पादन को बढ़ाता है।
जिंक सल्फेट 33% मोनोहाइड्रेट एक सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrient) उर्वरक है, जो फसलों में जिंक की कमी को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पानी में घुलनशील होता है और पौधों को आसानी से उपलब्ध होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
मृदा (Soil) प्रयोग:10-20 किलो जिंक सल्फेट 33% प्रति एकड़ मिट्टी में मिलाकर प्रयोग करें।जुताई के समय या अन्य उर्वरकों के साथ मिलाकर खेत में डालें।फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):0.5% घोल बनाकर (1 लीटर पानी में 5 ग्राम) पत्तियों पर छिड़काव करें।फसल की अवस्था के अनुसार 2-3 बार छिड़काव करें (पहला छिड़काव 30-35 दिन बाद और दूसरा 15 दिनों के अंतराल पर)।जिंक सल्फेट 33% मोनोहाइड्रेट का उपयोग विभिन्न फसलों के लिए किया जाता है, जैसे:अनाज फसलें: गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा दलहन फसलें: चना, मटर, अरहर, मूंग, उड़द तिलहन फसलें: सरसों, सोयाबीन, मूंगफली
यह एक सूक्ष्म पोषक तत्व उर्वरक है जो पौधों में आयरन और मैंगनीज की कमी को पूरा करता है। इससे पौधों की हरितता बढ़ती है, पीला पन दूर होता है और विकास में सुधार होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
पत्तियों पर छिड़काव: 0.5 – 1 ग्राम प्रति लीटर पानी मिट्टी में उपयोग: 5 – 10 किलोग्राम प्रति एकड़ उपयुक्त फसलें:
गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन, कपास, सब्जियाँ, फल और बागवानी की सभी फसलें। सावधानियाँ:
अनुशंसित मात्रा में ही उपयोग करें तेज धूप/बारिश में स्प्रे न करें बच्चों की पहुंच से दूर रखें
TOPKING एक विशेष माइक्रोन्यूट्रिएंट मिश्रण है जिसमें 6% मैग्नीशियम सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट और 0.5% कॉपर सल्फेट शामिल है। यह पौधों के विकास और पोषण के लिए आवश्यक सूक्ष्म तत्व प्रदान करता है, जिससे फसलें अधिक हरी-भरी, स्वस्थ और उत्पादक बनती हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):1 लीटर पानी में 2-3 ग्राम TOPKING मिलाएं।15 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें। ड्रिप/सिंचाई के माध्यम से:प्रति एकड़ 500 ग्राम – 1 किलो तक उपयोग करें, फसल की आवश्यकता अनुसार।पौधों में क्लोरोफिल निर्माण को बढ़ाता है जिससे पत्तियाँ हरी व स्वस्थ रहती हैं
Boron 20% ES एक कृषि उपयोगी उत्पाद है जो फसलों में बोरॉन (Boron) की कमी को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से बोरॉन की उच्च गुणवत्ता और तेजी से अवशोषण के लिए तैयार किया गया होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलिएर स्प्रे 1. 0 से 1.5 मि.ली./लीटर पानी ड्रिप इरिगेशन 500 मि.ली. से 1 लीटर/एकड़ मिट्टी में देना 1-2 किलो/एकड़ (फसल के अनुसार) उपयुक्त फसलें सब्ज़ियाँ: टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी, शिमला मिर्च फलदार फसलें: आम, अंगूर, अनार, सेब, संतरा, केला दलहन: मूंग, उड़द, अरहर तिलहन: सरसों, मूंगफली, सोयाबीन अन्य: कपास, गन्ना, मक्का, धान, गेहूं फूलों और फलों के विकास को बेहतर बनाता है।
Tracimate Boron 20% + Amino Acid 80% एक उच्च गुणवत्ता वाला माइक्रोन्यूट्रिएंट और बायो-स्टिमुलेंट उत्पाद है, जिसे फसल की बेहतर वृद्धि और उपज बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस उत्पाद में बोरॉन (Boron) 20% और एमिनो एसिड (Amino Acids) 80% होते हैं, जो मिलकर पौधों को पोषण और शक्ति प्रदान करते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव):मात्रा: 1.0 – 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानीसमय: फसल की आवश्यकता के अनुसार 2-3 बार छिड़काव करें:ड्रिप सिस्टम (अगर उपलब्ध हो):मात्रा: 250-300 ग्राम प्रति एकड़ पानी के साथ Amino Acids (80%)पौधे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। जैविक प्रक्रियाओं को सक्रिय करते हैं।तनाव (जैसे गर्मी, ठंड, पानी की कमी) में पौधों की सहायता करते हैं।
फूलों और फलों के विकास को बेहतर बनाता है।
एक उच्च गुणवत्ता वाला जैविक उत्पाद, जो फुल्विक एसिड, ह्युमिक एसिड और पोटैशियम से समृद्ध होता है। इसका मुख्य उद्देश्य पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करना, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना और फसल की पैदावार बढ़ाना होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
उपयोग का तरीका मात्रा फोलियर स्प्रे (Spray) 1 – 2 ग्राम प्रति लीटर पानी ड्रिप इरिगेशन 500 ग्राम से 1 किलो प्रति एकड़
मिट्टी में मिलाना 1 किलो प्रति एकड़ उच्च गुणवत्ता वाला फुल्विक और ह्युमिक एसिड।100% जल में घुलनशील (Water Soluble)।मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण बेहतर करता है।सभी अनाज की फसलें (गेहूं, धान, मक्का आदि) फलदार पौधे (सेब, अंगूर, केला, आम आदि) दलहन / तिलहन (चना, सरसों, सोयाबीन) फूलों की खेती (गुलाब, गेंदा आदि)
एक उच्च गुणवत्ता वाला जैविक उत्पाद, जो फुल्विक एसिड, ह्युमिक एसिड और पोटैशियम से समृद्ध होता है। इसका मुख्य उद्देश्य पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करना, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना और फसल की पैदावार बढ़ाना होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
उपयोग का तरीका मात्रा फोलियर स्प्रे (Spray) 1 – 2 ग्राम प्रति लीटर पानी ड्रिप इरिगेशन 500 ग्राम से 1 किलो प्रति एकड़
मिट्टी में मिलाना 1 किलो प्रति एकड़ उच्च गुणवत्ता वाला फुल्विक और ह्युमिक एसिड।100% जल में घुलनशील (Water Soluble)।मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण बेहतर करता है।सभी अनाज की फसलें (गेहूं, धान, मक्का आदि) फलदार पौधे (सेब, अंगूर, केला, आम आदि) दलहन / तिलहन (चना, सरसों, सोयाबीन) फूलों की खेती (गुलाब, गेंदा आदि) फूलों और फलों के विकास को बेहतर बनाता है।
एक उन्नत जैविक उत्पाद है, जिसे फसल की वृद्धि, उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें तीन मुख्य तत्व होते हैं Amino Acid 12% – पौधों की कोशिका वृद्धि, एंजाइम क्रियाओं, और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
3-5 किलो प्रति एकड़ (Granule रूप में मिट्टी में डालें) बुवाई या रोपाई के समय और 30-45 दिन बाद दो बार उपयोग करें।इसे खेत में समान रूप से बिखेर कर मिट्टी में मिला दें। सिंचाई के समय इस्तेमाल करने पर प्रभावी परिणाम मिलते हैं।सभी फसलें जैसे:धान, गेहूं, मक्का सब्ज़ियाँ: टमाटर, आलू, बैंगन, मिर्च फल: आम, केला, अनार, अंगूर
मिट्टी में मिलाना 1 किलो प्रति एकड़ उच्च गुणवत्ता वाला फुल्विक और ह्युमिक एसिड।100% जल में घुलनशील (Water Soluble)।मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण बेहतर करता है।सभी अनाज की फसलें (गेहूं, धान, मक्का आदि) फलदार पौधे (सेब, अंगूर, केला, आम आदि) दलहन / तिलहन (चना, सरसों, सोयाबीन) फूलों की खेती (गुलाब, गेंदा आदि) फूलों और फलों के विकास को बेहतर बनाता है।
Humic 98% + Amino 1.5% + Fulvic 0.5%
✅ उपयोग: सभी फसलों में वृद्धि, उपज और मिट्टी की गुणवत्ता सुधार के लिए।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
स्प्रे: 2-3 ml प्रति लीटर पानी ड्रिप/सिचाई: 500-1000 ml प्रति एकड़ ✅ फसलें: गेहूं, धान, गन्ना, सब्ज़ियाँ, फल, फूल आदि ✅ फायदे:जड़ों की मजबूती पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण सूखे में सहन शक्ति उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि
उपयोग का सही समय (Application Time): रोपाई या बुवाई के 15-20 दिन बाद फूल आने और फल बनने की अवस्था में मौसम और फसल की अवस्था के अनुसार 2-3 बार प्रयोग करें
यह एक जैविक उत्पाद है जिसमें VAM (Vesicular Arbuscular Mycorrhizae) फफूंद होते हैं। यह मिट्टी में पौधों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध बनाते हैं जिससे पौधों को पोषक तत्वों और पानी को अवशोषित करने में मदद मिलती है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
VAM Spores (100–120 IP/g) Carrier Base: ग्रेन्युल रूप (Granular Form) Organic Matter: >90%
सब्जियाँ – 5 किलो/एकड़ (रोपाई से पहले मिट्टी में) अनाज/दलहन – 4–5 किलो/एकड़ (बुवाई से पहले) गन्ना/कपास – 6–8 किलो/एकड़ (कतारों में मिट्टी में) फलदार पौधे – 20–25 ग्राम/पौधा (जड़ के पास) फूल/नर्सरी – 2–3 किलो/100 वर्ग मीटर (पौधों के पास मिट्टी में)
यह एक जैविक ग्रेन्यूल प्रोडक्ट है जिसमें Ectomycorrhizal फंगस होते हैं। ये पौधों की जड़ों से जुड़कर पोषक तत्वों (जैसे फॉस्फोरस, नाइट्रोजन) का बेहतर अवशोषण कराते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज (Per Acre): फलदार फसलें: 5-10 किलो सब्ज़ियाँ: 3-5 किलो वृक्षारोपण: 10-20 ग्राम/पौधा अनाज फसलें: 2-4 किलो बुवाई से पहले: खेत में मिट्टी में मिला दें। पौधे के पास: टॉप ड्रेसिंग करें। फसलें: आम, नींबू, अंगूर, टीक, टमाटर, मिर्च, प्याज, गुलाब आदि। जड़ों की ग्रोथ और पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाता है।सूखा और रोग सहन करने की क्षमता बढ़ाता है।
इस उत्पाद में मुख्यतः Mycorrhizal fungi spores होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पौधों की जड़ों से जुड़कर पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं। इसमें कार्बन बेस ग्रेन्युल (Carrier) होता है जो माइकोराइज़ा के स्पोर्स को सक्रिय रखता है और मिट्टी में आसानी से घुलने में मदद करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
उपयोग की विधि और डोज़ (Application & Dosage):फसल का नाम मात्रा (प्रति एकड़) उपयोग की विधि गेहूं / धान 4 – 5 किग्रा बुआई के समय मिट्टी में मिलाएं सब्जियाँ 3 – 5 किग्रा बुवाई या रोपाई के समय मिट्टी में मिलाएं
फलदार पौधे 20 – 25 ग्राम प्रति पौधा पौधों की जड़ के पास डालें गन्ना 5 – 6 किग्रा रोपण के समय उपयोग करें
कपास 4 – 5 किग्रा बीज बोने से पहले खेत में मिलाएं
एज़ोटोबैक् टर एक नाइट्रोजन फिक्सिंग जीवाणु है, जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के उपयोग के योग्य बनाकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाता है। कार्बन गोल्ड बायोचार या कार्बन आधारित जैविक पदार्थ होता है, जो मिट्टी की संरचना सुधारता है और सूक्ष्म जीव गतिविधि को बढ़ावा देता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार: 5–10 मिली प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर बोवाई से पहले प्रयोग करें।मृदा अनुप्रयोग: 1–2 लीटर प्रति एकड़ की दर से, गोबर खाद या जैविक खाद के साथ मिलाकर मिट्टी में डालें।फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव): 5–10 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कें।वायुमंडलीय नाइट्रोजन को उपलब्ध करवाकर रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता घटाता है।
फलदार पौधे 20 – 25 ग्राम प्रति पौधा पौधों की जड़ के पास डालें गन्ना 5 – 6 किग्रा रोपण के समय उपयोग करें
कपास 4 – 5 किग्रा बीज बोने से पहले खेत में मिलाएं
मिट्टी की उर्वरता और नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करता है। फसल की जड़ वृद्धि और उत्पादन बढ़ाता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज और उपयोग:बीज उपचार: 1 किलो बीज पर 5-10 ग्राम लगाएं।
मृदा उपचार: 2-3 किलो/एकड़ गोबर खाद में मिलाकर डालें। स्प्रे: 5 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फसलें:
धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जियां, फल, गन्ना।
नोट: सुबह/शाम छिड़काव करें और रासायनिक उर्वरकों से 7-10 दिन का अंतर रखें।
Acetobacter + Carbon Gold एक जैविक उत्पाद है जो मुख्य रूप से नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया (Acetobacter) और जैविक कार्बन (Carbon Gold) से बना होता है। यह गन्ने और अन्य फसलों के लिए फायदेमंद होता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की वृद्धि में सुधार होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार: 5–10 मि.ली. प्रति किग्रा बीज (पानी में मिलाकर बीजों पर छिड़कें)।
मृदा में मिलाना: 2–5 लीटर प्रति एकड़ (जैविक खाद या कम्पोस्ट में मिलाकर)।
फोलिएर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव): 5–10 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर पौधों के प्रारंभिक विकास चरणों में छिड़काव करें।
Acetobacter + Carbon Gold एक जैविक उत्पाद है जो मुख्य रूप से नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया (Acetobacter) और जैविक कार्बन (Carbon Gold) से बना होता है। यह गन्ने और अन्य फसलों के लिए फायदेमंद होता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की वृद्धि में सुधार होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फसल: गन्ना, धान, गेहूं, सब्जियाँ, दलहन, तिलहन आदि। डोज: बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलो बीज। मिट्टी में मिलाना: 1-2 किलो प्रति एकड़।ड्रिप सिंचाई: 500ml-1 लीटर प्रति एकड़। उपयोग: इसे पानी में घोलकर मिट्टी में मिलाएं या फसल की जड़ों के पास डालें।मिट्टी में जैविक नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है। पौधों की जड़ें मजबूत बनाता है और वृद्धि तेज करता है।
गन्ने में सुक्रोज (शर्करा) की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।
मिट्टी की उर्वरता और जलधारण क्षमता सुधारता है।
Acetobacter + Carbon Gold एक जैविक उत्पाद है जो मुख्य रूप से नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया (Acetobacter) और जैविक कार्बन (Carbon Gold) से बना होता है। यह गन्ने और अन्य फसलों के लिए फायदेमंद होता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की वृद्धि में सुधार होता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फसल: गन्ना, धान, गेहूं, सब्जियाँ, दलहन, तिलहन आदि। डोज: बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलो बीज। मिट्टी में मिलाना: 1-2 किलो प्रति एकड़।ड्रिप सिंचाई: 500ml-1 लीटर प्रति एकड़। उपयोग: इसे पानी में घोलकर मिट्टी में मिलाएं या फसल की जड़ों के पास डालें।मिट्टी में जैविक नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है। पौधों की जड़ें मजबूत बनाता है और वृद्धि तेज करता है।
गन्ने में सुक्रोज (शर्करा) की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।
मिट्टी की उर्वरता और जलधारण क्षमता सुधारता है।
एक प्रभावी संयोजन है जो मिट्टी की उर्वरता, पौधों की पोषण क्षमता और फसल उत्पादकता को बढ़ाता है।अजोस्पाइरिलम एक नाइट्रोजन-स्थिर करने वाला जीवाणु है, जो पौधों को नाइट्रोजन उपलब्ध कराने में मदद करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज और उपयोग:बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किग्रा बीज मृदा उपचार: 1-2 किग्रा प्रति एकड़ खाद के साथ
फोलियर स्प्रे: 5-10 ग्राम प्रति लीटर पानी ✅ अनुशंसित फसलें:
धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, सब्जियां, फलदार वृक्ष✅ फायदे:✔ मृदा में फॉस्फोरस की उपलब्धता बढ़ाए
✔ रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम करे✔ पौधों की जड़ प्रणाली मजबूत बनाए
✔ जैविक खेती के लिए उपयुक्त
मिट्टी में पोटैशियम की उपलब्धता बढ़ाता है।
जड़ विकास और उपज में सुधार करता है। जैविक खेती के लिए उपयुक्त।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
मृदा उपचार: 2-3 लीटर प्रति एकड़ गोबर खाद के साथ। अनुशंसित फसलें:धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, सब्जियां, दलहन-तिलहन, बागवानी फसलें। सावधानियां: अनुशंसित मात्रा में ही प्रयोग करें। धूप से बचाकर रखें।
रासायनिक उर्वरकों के साथ तुरंत न मिलाएं।
टुकोना कंसोर्टिया (BioNPK) + pH बैलेंसर एक जैविक उर्वरक (बायो-फर्टिलाइज़र) है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम) को प्राकृतिक रूप से प्रदान करता है। यह मिट्टी के pH स्तर को संतुलित कर फसल की बेहतर वृद्धि में मदद करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार: 5-10 मिली प्रति किलोग्राम बीज के साथ मिलाकर प्रयोग करें।
मिट्टी में प्रयोग: 2-4 लीटर प्रति एकड़, जैविक खाद या कम्पोस्ट के साथ मिलाकर डालें।
फोलियर स्प्रे (छिड़काव): 3-5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल की प्रारंभिक अवस्था में छिड़काव करें।
मृदा उपचार: 2-3 लीटर प्रति एकड़ गोबर खाद के साथ। अनुशंसित फसलें:धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, सब्जियां, दलहन-तिलहन, बागवानी फसलें। सावधानियां: अनुशंसित मात्रा में ही प्रयोग करें। धूप से बचाकर रखें।
रासायनिक उर्वरकों के साथ तुरंत न मिलाएं।
Zinc Solubilizing Bacteria (ZSB) एक लाभकारी सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया) है, जो मिट्टी में मौजूद अनुपलब्ध जिंक को घुलनशील रूप में बदलता है, जिससे पौधे इसे आसानी से अवशोषित कर सकते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार (Seed Treatment): 5-10 ग्राम या 5-10 मिली प्रति किलोग्राम बीज मिट्टी उपचार (Soil Application): 1-2 किलोग्राम (पाउडर फॉर्म) या 1-2 लीटर (लिक्विड फॉर्म) प्रति एकड़ फोलियर स्प्रे (Foliar Spray): 5 मिली प्रति लीटर पानी मिट्टी में जिंक की कमी को दूर करने के लिए फसलों की वृद्धि और उपज बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य को सुधारने के लिए
फॉस्फेट घुलनशील कवक (PSF) जैव उर्वरकप्रकार: जैव उर्वरक / माइक्रोबियल इनोकुलेंट
सक्रिय सूक्ष्मजीव: एस्परजिलस (Aspergillus), पेनिसिलियम (Penicillium), ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) आदि।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज को पानी या गुड़ घोल के साथ मिलाकर बुवाई से पहले लगाएं।
✅ मृदा (मिट्टी) उपचार: 2-4 किलोग्राम प्रति एकड़ जैविक खाद या गोबर खाद में मिलाकर खेत में समान रूप से डालें।
✅ ड्रिप सिंचाई: 1 किलोग्राम प्रति एकड़ पानी में मिलाकर सिंचाई के माध्यम से उपयोग करें।
सल्फर ऑक्सीडाइजिंग बैक्टीरिया (SOB) एक लाभकारी सूक्ष्मजीव है जो मिट्टी में सल्फर को ऑक्सीडाइज करके पौधों के लिए उपयोगी सल्फेट में बदलता है। यह जैविक खाद के रूप में कार्य करता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फसल के प्रकार के अनुसार: फसल के लिए: 2-3 किलो प्रति एकड़ (जैविक खाद के साथ मिलाकर) फर्टिगेशन में: 1-2 लीटर प्रति एकड़ (पानी के साथ मिलाकर) बीज उपचार: 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज मिट्टी में सल्फर की उपलब्धता बढ़ाने के लिए।
पौधों के पोषण में सुधार कर फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए। मिट्टी की अम्लीयता संतुलित करने के लिए।
जैविक और प्राकृतिक खेती में एक प्रभावी सल्फर स्रोत के रूप में।
संक्षिप्त जानकारी
उपयोग: मिट्टी व बीज जनित रोगों से बचाव (जैसे रूट रॉट, डैम्पिंग-ऑफ)
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज और उपयोग बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलो बीज बीज को हल्का गीला कर के मिलाएं मिट्टी उपचार 2.5-5 किग्रा प्रति एकड़ (या 1 लीटर लिक्विड) गोबर खाद में मिलाकर खेत में डालें नर्सरी उपचार: 50 ग्राम प्रति वर्ग मीटर मिट्टी में मिलाएं
संक्षिप्त जानकारी
उपयोग: मिट्टी व बीज जनित रोगों से बचाव (जैसे रूट रॉट, डैम्पिंग-ऑफ)
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज और उपयोग बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलो बीज बीज को हल्का गीला कर के मिलाएं मिट्टी उपचार 2.5-5 किग्रा प्रति एकड़ (या 1 लीटर लिक्विड) गोबर खाद में मिलाकर खेत में डालें नर्सरी उपचार: 50 ग्राम प्रति वर्ग मीटर मिट्टी में मिलाएं
एक लाभकारी फफूंद (biofungicide) है।पौधों को जड़ की बीमारियों से बचाता है।
मिट्टी और बीज जनित रोगों पर असरदार।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
ड्रिप सिंचाई से देना – फसल की जड़ों तक जल्दी असर।मात्रा (Dose): बीज उपचार:➤ 5–10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज
मिट्टी में मिलाना (soil application):➤ 2.5–5 किलोग्राम (पाउडर रूप) या➤ 1–2 लीटर (लिक्विड रूप) प्रति एकड़
➤ 50 किलो गोबर खाद या कंपोस्ट में मिलाकर खेत में डालें ड्रिप सिंचाई के लिए:
➤ 1 लीटर प्रति एकड़ पानी में मिलाकर दें
ये फफूंदी की तरह के जैविक कीटनाशक हैं, जो कीटों को संक्रमित कर मार देते हैं।
मिट्टी और बीज जनित रोगों पर असरदार।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
डोज (Dose):स्प्रे के लिए: 5-10 ml प्रति लीटर पानीप्रति एकड़: 1-2 लीटर (200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें)
बीज उपचार: 5-10 ग्राम प्रति किलो बीज मिट्टी में: 2-4 किलो खाद में मिलाकर फसलें (Crops):
धान, गेहूं, सब्ज़ियाँ, फल, दालें, कपास आदि
🔹 निशाना कीट (Target Pests):Beauveria: सफेद मक्खी, थ्रिप्स, एफिड्स, मीलिबग
Metarhizium: दीमक, टिड्डी, ग्रब, मिट्टी के कीट
Pochonia chlamydosporia एक जैविक कवक (bio-fungus) है जो सूक्ष्मजीवी नेमाटोड्स (जड़ गाँठ नेमाटोड, Meloidogyne spp. आदि) को नियंत्रित करता है। यह फसल की जड़ों पर आक्रमण करने वाले हानिकारक नेमाटोड्स के अंडों को नष्ट करता है और फसल को सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
उत्पाद को पानी में घोलकर पौधों की जड़ों के पास डालें। इससे नेमाटोड अंडों पर सीधा असर होता है।
2. बीज उपचार (Seed Treatment):बीज बोने से पहले जैविक उत्पाद से उपचार करें।
Pseudomonas fluorescens (पी. फ्लोरेसेंस) एक लाभकारी जीवाणु है जो पौधों की जड़ों के आसपास (राइजोस्फीयर) में कार्य करता है और पौधों को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसे जैव कीटनाशक (Bio-pesticide) और जैव उर्वरक (Bio-fertilizer) के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
1. बीजोपचार (Seed Treatment): 2.5 से 5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज बीजों को हल्का गीला करके पी. फ्लोरेसेंस पाउडर से लेपित करें और छांव में सुखाएं 2. मिट्टी उपचार (Soil Treatment):
2 से 4 किलो पी. फ्लोरेसेंस को 100 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में बुआई से पहले डालें। 3. जड़ उपचार (Root Dip): रोपाई से पहले पौधों की जड़ों को 5 ग्राम/लीटर पानी के घोल में 15-20 मिनट तक डुबोएं।
उपयोग:जैविक कीटनाशक – कीटों को मारता है जैसे: सफेद मक्खी माहू थ्रिप्स मिली बग इल्लियाँ 🌾 फसलें:
टमाटर, मिर्च, भिंडी, गोभी, आम, अंगूर, धान, गेहूं आदि 💧 खुराक:
तरल रूप: 5–10 मि.ली./लीटर पानी पाउडर रूप: 1–2 किग्रा/एकड़ 🕒 छिड़काव समय:
कीट दिखते ही प्रयोग करें 7–10 दिन बाद दोहराएं सुबह या शाम छिड़काव करें ⚠️ सावधानी:
तेज धूप में छिड़काव न करें बच्चों से दूर रखें
धनदेव कैल्शियम नाइट्रेट ग्रैन्यूल (Dhandev Calcium Nitrate Granule ES)
यह एक उत्कृष्ट गुणवत्तायुक्त उर्वरक है जो पौधों को कैल्शियम (Ca) और नाइट्रोजन (N) की आपूर्ति करता है। यह ग्रैन्यूल रूप में आता है और आसानी से घुलनशील होता है, जिससे पौधे इसे जल्दी अवशोषित कर पाते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
कैल्शियम – 18.5% नाइट्रेट नाइट्रोजन – 15.5% फायदे: फलों की गुणवत्ता और साइज़ बढ़ाता है
फूल-फल झड़ने से बचाता है कैल्शियम और नाइट्रोजन की कमी पूरी करता है तेजी से असर करता है फसलें:
सब्ज़ियाँ: टमाटर, मिर्च, आलू अनाज: गेहूं, धान फल: आम, केला, अंगूर फूल: गुलाब, गेंदा खुराक:
स्प्रे: 5 ग्राम/लीटर पानी मिट्टी में: 20-25 किलो/एकड़ समय:
फूल आने से पहले और फल लगने पर
यह उत्पाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पौधों की जड़ों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें दो प्रमुख घटक होते हैं: बेंटोनाइट बॉल: नमी बनाए रखती है और सूक्ष्मजीवों को सक्रिय रखने में मदद करती है
प्रयोग विधि एवं मात्रा
फसल का प्रकार खुराक (प्रति एकड़) अनाज फसलें 3 से 5 किलोग्राम फल/बागवानी फसलें 5 से 10 किलोग्राम
पौधशाला / नर्सरी 20-50 ग्राम प्रति गड्ढा या पौधा 🕒 उपयोग का समय: बुआई या रोपाई के समय
खेत की तैयारी के दौरान
या खाद/उर्वरक के साथ मिलाकर मिट्टी में डालें
उर्वरक की कमी या उच्च लागत के कारण, किसान इसके विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं। इनमें सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) और डीएपी प्रमुख हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
बीज उपचार: 3-5 मिली डीएपी प्रति किलोग्राम बीज के लिए।
पर्णीय छिड़काव: 2-4 मिली डीएपी प्रति लीटर पानी में मिलाकर, फसल की बढ़वार अवस्था में छिड़काव करें।
लाभ: डीएपी का उपयोग करने से फसलों की वृद्धि में सुधार होता है और उत्पादन बढ़ता है।
एनपीके उर्वरक: एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) उर्वरकों का उपयोग भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, धान और मक्का के लिए यूरिया, एनपीके (20:20:0:13) और पोटाश का संयोजन लाभदायक होता है।
ह्यूमिक एसिड (64%) – मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारता है और जड़ों की वृद्धि को बढ़ाता है। अमीनो एसिड (12%) – पौधों के विकास, पोषण अवशोषण और हार्मोनल गतिविधियों में सहायक। फुल्विक एसिड (3%) – पोषक तत्वों की उपलब्धता और अवशोषण में वृद्धि करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
उपयोग का तरीका मात्रा फोलियर स्प्रे (पत्तों पर छिड़काव) 2-3 ग्राम प्रति लीटर पानी ड्रिप / ड्रेंचिंग विधि 500 ग्राम से 1 किग्रा प्रति एकड़ (फसल और स्थिति अनुसार) टिप: उपयोग सुबह या शाम को करें।
Bio DAP एक जैव उर्वरक है, जिसमें फॉस्फेट सॉल्युबिलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) और नाइट्रोजन फिक्सिंग जीवाणु मौजूद होते हैं। ये जीवाणु मिट्टी में मौजूद अवशोषित नाइट्रोजन और फॉस्फोरस को घुलनशील रूप में परिवर्तित कर पौधों को उपलब्ध कराते हैं।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
खुराक (Dose): प्रयोग का तरीका मात्रा (प्रति एकड़) बीज उपचार 250 ग्राम Bio DAP + 30 ml गोंद (जैसे गूंद या गुड़)
जड़ उपचार 500 ग्राम Bio DAP को 10-15 लीटर पानी में मिलाकर 1 घंटे तक जड़ें भिगोएंमृदा अनुप्रयोग 2 से 4 किलो प्रति एकड़, कंपोस्ट या FYM के साथ मिलाकर उपयुक्त फसलें (Crops):Bio DAP लगभग सभी प्रमुख फसलों में उपयोगी है, जैसे: गेहूं, धान, मक्का, बाजरा चना, मूंग, उड़द, अरहर आलू, टमाटर, प्याज, लहसुन गन्ना, कपास
सब्जियाँ, फलदार वृक्ष बागवानी की फसलें
यह पौधों को आवश्यक पोटाशियम (K) तत्व उपलब्ध कराता है, जो पौधों के समुचित विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और बेहतर उत्पादन में मदद करता है।मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है।
यह रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करता है।
प्रयोग विधि एवं मात्रा
खुराक (Dose): 1. बीज उपचार (Seed Treatment): 5–10 ml Bio Potash को 1 kg बीज के साथ अच्छी तरह मिलाकर छाया में सुखाकर बोएं। 2. मिट्टी उपचार (Soil Application):
प्रति एकड़ 1 से 2 किलो Bio Potash को 20–25 किलो गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में मिलाकर खेत में समान रूप से छिड़कें और मिट्टी में मिला दें। 3. फसल अवस्था पर छिड़काव (Drip or Soil Drench):
5–10 ml Bio Potash को 1 लीटर पानी में मिलाकर जड़ क्षेत्र में दें या ड्रिप सिंचाई प्रणाली के माध्यम से उपयोग करेंio Potash सभी प्रकार की फसलों में उपयोग किया जा सकता है, जैसे:अनाज: गेहूं, धान, मक्का | दलहन: चना, अरहर, मूँग
तिलहन: सरसों, सूरजमुखी, सोयाबीन| बागवानी फसलें: आलू, प्याज, टमाटर, बैंगन फलदार पौधे: आम, केला, अंगूर, अनार आदि।